बीजापुर हमला: नक्सलियों ने सोनी सोरी को वापस भेजा, कहा- सरकारी मध्यस्थ को ही सौंपेंगे बंधक जवान Bijapur attack: Naxalites sent back Soni Sori, said

सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी. फाइल फोटो.
Chhattisgarh Naxal attack: नक्सलियों (Naxalite) के कब्जे से जवान को वापस लेने गई बस्तर की सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी (Soni Sori) को नक्सलियों ने वापस भेज दिया है.
बीजापुर के तर्रेम थाना क्षेत्र में बीते 3 अप्रैल को सुरक्षा बल और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई थी. इसमें सुरक्षा बल के 22 जवान शहीद हो 31 घायल हो गए थे. मुठभेड़ के बाद से ही सीआरपीएफ के राकेश्वर सिंह मनहास लापता हैं. नक्सलियों ने 5 अप्रैल को एक प्रेस नोट जारी कर दावा किया था कि लापता जवान उनके कब्जे है. इसके बाद उन्होंने बीते बुधवार को जवान की एक तस्वीर भी जारी की. जवान को छुड़ाने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी नक्सलियों ने मिलने गईं थीं, लेकिन उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा है. सरकार की ओर से भी अब तक आधाकारिक तौर पर किसी मध्यस्थ का नाम घोषित नहीं किया गया है.
अब सरकार की जिम्मेदारी
जंगल से लौटने के बाद गुरुवार को मीडिया से चर्चा में सोनी सोरी ने कहा, “नक्सलियों ने उन्हें जवान सौंपने से इनकार कर दिया है. उनके संदेश के बाद अब सरकार की ज़िम्मेदारी बनती है कि वो जल्दी से जल्दी अपह्रत जवान की सुरक्षित रिहाई करवाएं करे. हमने नक्सलियों से अपील की है कि वे जवान को किसी भी तरह का कोई नुकसान ना पहुचायें. अब इस मामले में सरकार के रूख का इंतजार है” सोनी सोरी ने कहा कि इस दौरान उन्होंने कुछ ग्रामीणों से भी बात की. ग्रामीणों ने उन्हें बताया कि मुठभेड़ से पहले जुन्नागुंड़ा से डीआरजी के जवान गांव के एक आदिवासी सुक्का माड़वी को अपने साथ उठाकर ले गये हैं और सुक्का माड़वी अब तक लापता है. जवानों ने गांव के कई घरों में तोड़फोड़ भी की.