सपा के हिस्से में आई 63 सीटें, झांसी -ललितपुर समेत 17 सीटों पर ही चुनाव लड़ेंगी कांग्रेस
लखनऊ : कांग्रेस व सपा के बीच
उत्तर प्रदेश में लोकसभा की कुल 80 सीटों के बंटवारे को लेकर चल रही खींचतान पर आखिरकार पूर्णविराम लग गया। देश को उत्तर प्रदेश से चार प्रधानमंत्री देने वाली कांग्रेस की दावेदारी झाँसी-ललितपुर समेत 17 सीटों पर ही सिमटकर रह गई। उत्तर प्रदेश में सपा का पलड़ा भारी रहा। जबकि मध्य प्रदेश में भी उसके पास खजुराहो की सीट आई है।
विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए के तहत कांग्रेस प्रदेश में अपनी परंपरागत सीट रायबरेली व अमेठी के अलावा कुल 17 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। जबकि 63 सीटें सपा के हिस्से हैं। सपा ने मंगलवार को ही वाराणसी सीट पर अपना प्रत्याशी घोषित किया था, जबकि यह सीट कांग्रेस छोड़ने को राजी नहीं थीं। अंतिम समय में सपा ने वाराणसी सीट छोड़ दी। श्रावस्ती व खीरी की सीटें कांग्रेस को दिए जाने को लेकर भी विमर्श चल रहा है। गठबंधन के तहत मध्य प्रदेश में खजुराहो सीट पर सपा का प्रत्याशी मैदान में होगा और शेष सीटों पर कांग्रेस ताल ठोकेगी। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय, प्रदेश अध्यक्ष अजय राय तथा यह सपा के राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी वहीं व प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने सी बुधवार शाम संयुक्त प्रेसवार्ता कर की सीटों के बंटवारे की घोषणा की। कर पांडेय ने कहा कि गठबंधन को अंतिम के परिणाम तक पहुंचाने में कांग्रेस की बर राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उत्तर प्रदेश में राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के आने का भी प्रभाव रहा है
काँग्रेस के हिस्से आई यह सीटें
झाँसी-ललितपुर, रायबरेली, अमेठी, कानपुर नगर, फतेहपुर सीकरी, बांसगांव, सहारनपुर, सपा
इलाहाबाद, महाराजगंज, वाराणसी, अमरोहा, बुलंदशहर, गाजियाबाद, मथुरा, सीतापुर,
बाराबंकी व देवरिया।