नवंबर तक पूरा हो जाएगा रामलला के विग्रहों का निर्माण, प्राण-प्रतिष्ठा में बचे सिर्फ 50 दिन
अयोध्या: रामनगरी अयोध्या में दीपोत्सव के भव्य आयोजन के बाद प्राण-प्रतिष्ठा की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। राम मंदिर के प्रथम तल के जो भी काम बचे हैं उनको तेजी से पूरा किया जा रहा है। मंदिर ट्रस्ट के मुताबिक रामलला के बालरूप के तीनों विग्रह को तराशने का काम भी लगभग पूरा हो गया है। फिनिशिंग का काम चल रहा है।
मंदिर ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र के मुताबिक, रामलला के तीनों विग्रहों का निर्माण कार्य इसी महीने के अंत तक पूरा हो जाएगा। उसके बाद मंदिर के धर्मिक कार्यों के लिए गठित हाई पावर कमिटी इनमें से एक विग्रह का चयन करेगी। उसी विग्रह को भव्य राममंदिर के गर्भगृह में 22 जनवरी, 2024 को पीएम मोदी की मौजूदगी में धार्मिक अनुष्ठान के साथ स्थापित किया जाएगा। डॉ. मिश्र के मुताबिक राममंदिर में प्राणप्रतिष्ठा को लेकर 50 से कम दिन बचे हैं। ऐसे में अब सारा जोर मंदिर के भूतल के वे सारे निर्माण कार्य को पूरा करने पर दिया जा रहा है।
संगमरमर के पत्थर लगाने का काम अंतिम चरण में
डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि मंदिर के स्ट्रक्चर और गर्भगृह का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। अब फर्श पर संगमरमर के पत्थर लगाने का काम भी आखिरी चरण पर चल रहा है। भूतल के 70 खंभे जो परिक्रमा मार्ग पर पड़ रहे हैं उन पर डिजाइनिंग के साथ देवी-देवताओं की मूर्तियों को तराशने का काम भी पूरा हो गया है। अब लाइटिंग और सुरक्षा के लिए लगने वाले सीसी कैमरे और अन्य हाई टेक उपकरणों को लगाने का काम भी चल रहा है। परकोटा के गेट का निर्माण पूरा हो गया है। कोशिश की जा रही है कि फर्श का काम भी प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम के पहले पूरा हो जाए। उन्होंने बताया कि मंदिर के प्रथम तल का निर्माण कार्य भी तेजी से चल रहा है। दिसंबर के अंत तक इसके स्ट्रक्चर का काम भी पूरा हो जाएगा।