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मध्य प्रदेश के ग्वालियर में भी ‘भोले बाबा’ का आश्रम, पुलिस पहुंची, तो मिला ताला, प्रॉपर्टी मालिक ने खोले राज

 ग्वालियर। उप्र के हाथरस में भोले बाबा उर्फ नारायण साकार विश्‍व हर‍ि के सत्संग के दौरान मची भगदड़ के बाद उसके देशभर के ठिकानों पर तलाश चल रही है। ग्वालियर में भी उसका आश्रम संचालित होने की खबर मिली थी, लेकिन यह आश्रम 10 मई से बंद है। इससे पहले ही भवन मालिक ने इसे खाली करा लिया था। तिघरा पुलिस यहां सर्चिंग के लिए पहुंची, लेकिन यहां कुछ नहीं मिला।एसपी धर्मवीर सिंह का कहना है कि कुछ लोगों से सूचना मिली थी कि यहां आश्रम संचालित है। इसके बाद यहां तिघरा पुलिस को भेजा था, लेकिन आश्रम पहले ही बंद हो चुका है। यहां किराए पर आश्रम संचालित किया जाता था, जिसे सेवादार लिया था।

ग्वालियर के तिघरा रोड पर झंडा का पुरा गांव में भोले बाबा उर्फ नारायण हरि साकार का आश्रम संचालित होता था। इस भवन के मालिक का नाम रामअवतार कुशवाह है। उनसे यह भवन सेवादार ने किराए पर लिया था, लेकिन फिर इस आश्रम को खाली कर दिया।

अभी सत्संग के लिए जो स्टेज था, वह तो बना है। मुख्य द्वार पर लिखा बाबा का नाम और आश्रम के अन्य संकेतों को मिटा दिया गया है। ऐसा पता लगा है 12 मार्च को यहां सत्संग हुआ था। इसके बाद से यहां बाबा नहीं आया। वह 10 मई तक यहां रुका था।

ग्वालियर की महिला की भगदड़ में हुई थी मौत

ग्वालियर की रामश्री सिंह सत्संग में शामिल होने के लिए हाथरस गई थीं। यहां भगदड़ में कुचलने से उनकी मौत हो गई। वह लंबे समय से आश्रम से जुड़ी थी। रामश्री भी तिघरा स्थित आश्रम में आ चुकी हैं।

एक वर्ग के लोग सबसे ज्यादा जुड़े

आश्रम किराए पर भवन देने वाले रामअवतार कुशवाह ने बताया कि आश्रम में जब भी सत्संग होता था, एक वर्ग के लोग सबसे ज्यादा आते थे। कुछ समय पहले तो आश्रम से जुड़े लोग इस वर्ग के लोगों के झगड़ों तक में शामिल होने लगे थे।

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