भोपाल। ‘सर मुंडाते ही ओले पड़े’…. यह कहावत 30 विधायकों पर सटीक बैठ रही है। एक तो टिकट नहीं मिला और दूसरी ओर से घर खाली करने का आदेश। चुनाव परिणाम आने के पहले ही प्रदेश के 30 अधिक विधायकों की व्यथा सुनने वाला अब कोई नहीं है। विधानसभा सचिवालय ने इन सभी विधायकों को सरकारी आवास खाली करने का नोटिस थमा दिया है। विधानसभा सचिवालय ने मौजूदा 30 विधायकों को चिट्ठी भेजी है। इन सभी को जल्द से जल्द सरकारी आवास खाली करने के लिए कहा गया है। कमाल की बात यह है कि इन विधायकों में से कई बहुत वरिष्ठ हैं। विधानसभा सचिवालय द्वारा भेजे गए पत्र में लिखा है कि वर्तमान में 16वीं विधानसभा के गठन के लिए चुनाव हुए हैं। 3 दिसंबर को परिणाम सामने आ जाएंगे। क्योंकि यह विधायक इस बार चुनाव नहीं लड़े हैं तो उनकी जगह नए विधायकों का विधानसभा में आना तय है। आपको बता दें कि जब चुनाव परिणाम आते हैं और विधायक चुने जाते हैं तो विधानसभा की जिम्मेदारी होती है कि चुने गए विधायकों को आवास आवंटित करे। ऐसे में वर्तमान में अब उन विधायकों से आवास खाली कराए जा रहे हैं जिनकी विधायकी जल्दी ही खत्म हो जाएगी। आपको बता दें कि मध्य प्रदेश की 230 सदस्यों वाली विधानसभा में विधायकों को वरिष्ठता क्रम के आधार पर शासकीय आवास दिए जाते हैं। गौरतलब है कि 17 नवंबर को मध्य प्रदेश विधानसभा निर्वाचन के लिए मतदान हुआ था। अब चुनाव परिणाम 3 दिसंबर को सामने आने हैं। इसके बाद सरकार का गठन होगा और उसके बाद मुख्यमंत्री चुने जाएंगे। वर्तमान परिस्थितियों को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि परिणाम आने के बाद कभी भी नई सरकार शपथ ले सकती है और 16वीं विधानसभा गठित हो सकती है। सत्तारूढ़ भाजपा और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने अपने वर्तमान कई विधायकों का टिकट काट दिया था। उनके स्थान पर नए लोगों को टिकट दिया गया है। भारतीय जनता पार्टी ने तीन मंत्रियों सहित 28 वर्तमान विधायकों के टिकट काटे हैं। कांग्रेस ने करीब 6 विधायकों के टिकट काट दिए हैं। वर्तमान में यह सब विधायक हैं, इसलिए इन सभी को सरकारी आवास आवंटित है। लेकिन नई सरकार के गठित होते ही उनकी विधायक की खत्म हो जाएगी। इससे पहले ही उन्हें घर खाली करना पड़ेगा।