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बैंड-डीजे की धुन पर करतब दिखा रहे कलाकार; देखिए पेशवाई का नजारा
प्रयागराज। …सोलह बैंड दल, ऊंट,घोड़े , हाथी पर सवार और पैदल चल रहे साधु संत महात्मा के साथ सैकड़ों नागा संन्यासियों की जमात का रंग अखाड़े के ईष्ट देव भगवान कार्तिकेय के तेज में अलग ही चमक बिखेर रहा है मौका है संगम नगरी प्रयागराज में निकाली गई श्रीपंचायती अखाड़ा निरंजन के छावनी प्रवेश की 13 प्रमुख अखाड़े में से तीसरा सबसे बड़ा श्री पंचायती अखाड़ा निरंजन की छावनी प्रवेश (पेशवाई) हो रहा है 13 जनवरी से होने वाले कुंभ को लेकर अखाड़ों का छावनी में प्रवेश का सिलसिला चल रहा है।
आज शाही अंदाज में श्री पंचायती अखाड़ा निरंजन की पेशवाई (छावनी प्रवेश ) बाघंबरी गद्दी से निकलकर 5 किलोमीटर की लंबी सफर कर पेशवाई संगम रेलवे लाइन, बक्शी बांध होते हुए मेला क्षेत्र में बने अपने छावनी में प्रवेश करेगी छावनी प्रवेश के इस शोभायात्रा में निरंजनी अखाड़े के देश के कोने-कोने से आए एक हजार से ज्यादा साधु-संत महात्मा नागा सन्यासी, महंत, श्री मंहत, मंडलेश्वर, महामंडलेश्वर के साथ ही अखाड़े द्वारा संचालित वेद विद्यालय के हजारों वेदपाठी सम्मिलित हुए हैं अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर के सानिधि में निकाली गई शोभायात्रा में निरंजनि अखाड़े का ध्वज सबसे आगे है इसके पीछे नागा सन्यासियों का समूह करतब दिखाते हुए चल रहा है इसके बाद इष्ट देव की पालकी चल रही है बीच-बीच में रथ पर सवार साधु-महात्मा श्रद्धालुओं पर जल में डुबोकर फूल बरसा रहे है हजारों संत एक साथ हाथी, घोड़े, ऊंट व रथ पर सवार होकर बैंड बाजे के साथ धूमधाम से निकली पेशवाई को देखने के लिए सड़क के दोनों और लोग का हुजूम उमड़ पड़ा है
श्रद्धालुओं ने भी पूरे श्रद्धाभाव से सड़क के दोनों ओर खड़े होकर नागा संन्यासियों, संत महात्माओं का फूल मालाओं से स्वागत कर रहे हैं और उनका आशीर्वाद भी मिल रहा है। इस दौरान नागा संंयासी, नागा साधु अपने अस्त्र-शस्त्र के साथ पेशवाई में जगह-जगह रुककर युद्ध कौशल का प्रदर्शन दिखाते हुए आगे बढ़ रहे हैं जो शोभायात्रा में मुख्य आकर्षण का केंद्र है इस शोभायात्रा में विभिन्न राज्यों के करीब एक हजार से ज्यादा साधु-संत शामिल होने के लिए आए है पेशवाई में परम्परा के मुताबिक ही हाथी, घोड़े , ऊंट, रथ और बैंड बाजे के साथ श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनि के महंत, श्री महंत,मंडलेश्वर, महामंडलेश्वर, आचार्य महामंडलेश्वर और नागा साधु संयासी के साथ ही अखाड़े द्वारा संचालित वेद विद्यालय के हजारों वेदपाठी सम्मिलित हुए है पेशवाई मार्ग के दोनों ओर हजारों लोग साधु संतों का फूल मालाओं से स्वागत भी कर रहे है रथों पर सोने चांदी की बड़े-बड़े सिंहासन पर विराजमान साधु संत आम जनमानस का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रहे है छावनी प्रवेश किसी भी अखाड़े के लिए विशेष महत्व रखती है क्योंकि इसमें अखाड़ा अपनी धन, जन, बल और जानवर के साथ ही स्मृति आदि का प्रदर्शन करता है। इस छावनी प्रवेश में धर्म ध्वजा, निशान और देवता, सभी आचार्य, महंत, श्री महंत सम्मिलित होकर इस पेशवाई को भव्य बनाएं हुवे है नागा साधु संत और संन्यासियों को मिलाकर लगभग डेढ़ हजार की संख्या हो गई है नागा साधु भभूति रमाकर इस पेशवाई की शोभा बढ़ा रहे है श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनि के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद ने कहा कि आज उत्तम और वैभव का दिन है पूरा पांच छावनी प्रवेश कर रहा है भारतीय संस्कृति का आज धरोहर दिवस है पूरे राजश्री ठाट बात के साथ छावनी बागांबरी गाड़ी से निकल रही है कुंभ नगर में बने शिविर में प्रवेश के लिए यह अलौकिक और दुर्लभ क्षण है इच्छा को देखने के लिए देवता भी तरसते हैं इसलिए पूरी पांच परंपरा अपने देवताओं के साथ छावनी प्रवेश के लिए निकले हैं
निरंजनी अखाड़े शोभायात्रा में सम्मिलित होने पहुंचे आनंद अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी जी महाराज ने बताया कि धर्म की रक्षा के लिए पूज्य शंकराचार्य ने नाका संन्यासियों का जो फौज तैयार किया आज वह सभी सैनिक नागा संन्यासी अपने शस्त्र अस्त्र और शास्त्रों के साथ मेला में प्रवेश करेंगे यह सैकड़ो वर्ष पुरानी परंपरा है जब भी धर्म पर कोई उंगली उठाता है धर्म पर जब कोई बात होती है तो संत महात्मा धर्म की रक्षा के लिए तत्पर रहते हैं राजा महामंडलेश्वर और संत महात्मा के शिष्य होते हैं और महात्मा महाराज होते हैं इसलिए राजशि ठाट बाट के साथ अपने पूरी शक्तियों के साथ मेला में प्रवेश करेंगे देश ही नहीं बल्कि पूरे विश्व से मंडलेश्वर, महामंडलेश्वर, आचार्य महामंडलेश्वर, महापुरुष, संत महात्मा, महंत, श्री महंत के साथ हिमालय की गोद में रहने वाले लोग सन्यासी सम्मिलित हुए है।छावनी प्रवेश के दृष्टिगत मेला प्रशासन और जिला प्रशासन की ओर से व्यवस्थाएं मुकम्मल की गई हैं साफ सफाई का विशेष ध्यान दिया