नई दिल्ली: राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव जीतने वाले दस सांसदों व मत्रियों ने संसद से इस्तीफा दे दिया है। सांसदों के इस्तीफे से इन तीनों राज्यों में मुख्यमंत्रियों की दौड़ रोचक हो गई है और इनमें से किसी के मुख्यमंत्री बनने की संभावना बढ़ गई है। भाजपा ने तीनों ही राज्यों में मुख्यमंत्रियों के चयन के लेकर अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले है।ध्यान देने की बात है कि तीनों ही राज्यों में भाजपा ने अप्रत्याशित कदम उठाते हुए तीन केंद्रीय मंत्रियों समेत 12 सांसदों को विधानसभा चुनाव के मैदान में उतारा था। इनमें से गणेश सिंह और फग्गन सिंह कुलस्ते को छोड़कर 10 सांसद विधानसभा चुनाव में विजयी रहे। इस्तीफा देने वाले सांसदों में मध्यप्रदेश से राकेश सिंह, प्रह्लाद पटेल, रिति पाठक, उदय प्रताप सिंह, राजस्थान से किरोड़ीमल मीणा, दीया कुमारी, राज्यवर्धन राठौर और छत्तीसगढ़ से गोमती साई और अरुण साव है। इनमें किरोड़ीमल मीणा राज्यसभा के सदस्य है। इस्तीफे के बाद भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा इन सांसदों को अपने साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलवाने ले गए। छत्तीसगढ़ में भाजपा के किसी नए चेहरे को मुख्यमंत्री के रूप मे पेश करने की बात चल रही थी। वहीं मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान और राजस्थान में वसुंधरा राजे सिंधिया दौड़ में बताई जा रही थीं। लेकिन सांसदों के इस्तीफे से मध्यप्रदेश और राजस्थान में भी नए नेतृत्व की अटकले तेज हो गई है। यदि ऐसा हुआ तो इन दोनों ही राज्यों में सरकार और संगठन में नए चेहरे देखने को मिल सकते हैं। विधायक के रूप में इन सांसदों को मंत्रिमंडल या संगठन में जगह मिल सकती है। यही नहीं, 2024 के लोकसभा चुनावो को देखते हुए विभिन्न वर्गों को साधने के लिए केंद्रीय नेतृत्व नये प्रयोग भी कर सकता है। इस सिलसिले में मध्यप्रदेश में उत्तरप्रदेश की तरह मुख्यमंत्री के साथ दो उपमुख्यमंत्री और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री के साथ एक उपमुख्यमंत्री बनाने की चर्चा भी चल रही है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि अगले एक-दो दिन में तीनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों को लेकर स्थिति साफ हो जाएगी और विधायक दल की बैठक के लिए पर्यवेक्षको की तैनाती कर दी जाएगी