मध्य प्रदेश में गुरुपूर्णिमा के अवसर पर रविवार को कई जगह कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश के अनुसार कई जगह स्कूलों में वीणा वादिनी मां सरस्वती वंदना, गुरू वंदना एवं दीप प्रज्जवलन एवं माल्यार्पण के कार्यक्रम हुए। गुरूजनों एवं शिक्षकों का सम्मान और शिक्षकों और विद्यार्थियों द्वारा गुरू संस्मरण पर संभाषण आयोजित हुए। इस अवसर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हमारी सरकार ने विश्वविद्यालय के कुलपतियों का नाम बदलकर कुलगुरु किया है क्योंकि गुरु परंपरा हमारी आदिकाल से चली आ रही है। हमारी संस्कृति, शिक्षा और जीवन शैली के बलबूते पर भारत दुनिया का सदैव नेतृत्व करता रहा है। ऐसा माना जाता है कि अपने गुरुकुल की स्थापना के बलबूते पर मानव संस्कृति के लिए जानी जाती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर मेरी अपनी ओर से सभी आध्यात्मिक संतो, शिक्षको, प्राध्यापक, कुलगुरु और और पूरे प्रदेशवासियों को बधाई। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में हो रहे गुरु पूर्णिमा के कार्यक्रम पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि सच्चे अर्थों में हमारे माता-पिता के बाद हमारे जीवन का नया पदार्पण होता है तो संस्कारित और शिक्षित रूप से जो जीवन का बदलाव आता है वो विद्यालय, महाविद्यालय, विश्वविद्यालय, जिसको प्राचीन काल में गुरुकुल परंपरा कहते आए थे। इसलिए नालंदा, तक्षशिला, विक्रमशीला, उज्जैन का सांदीपनि आश्रम यह वह गुरुकुल है जिन्होंने अपनी मौजूदगी में एक नया इतिहास रचा और भारत में एक अलग पहचान बनाई। दुनिया के तमाम युवा इन गुरुकुलों में शिक्षा लेने के लिए भारत आया करते थे। उस परंपरा की पुनर्स्थापना हो।