4% DA Madhya Pradesh : मध्य प्रदेश के कर्मचारी अब भी डीए को तरसे, छत्तीसगढ़ को मिल गया लाभ
भोपाल। मध्य प्रदेश में लगी आदर्श चुनावी आचार संहिता अब कर्मचारियों के लिए दुख का कारण बन गई है। दरअसल, आचार संहिता के कारण इन कर्मचारियों को महंगाई भत्ता नहीं मिल पा रहा है। निर्वाचन आयोग ने चुनाव का हवाला देकर महंगाई भत्ता (डीए) देने संबंधी आदेश जारी नहीं किया है। महंगाई भत्ता (डीए) के साथ ही और महंगाई राहत (डीआर) का आदेश भी रुका हुआ है। आपको बता दें कि प्रदेश के कर्मचारियों का चार प्रतिशत महंगाई भत्ता (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) का आदेश जारी होना है। पिछले दिनों आयोग ने छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को डीए देने संबंधी आदेश जारी कर दिया है। आयोग ने छत्तीसढ़ सरकार को डीए देने की मंजूरी दी है। इसके बाद अब मध्य प्रदेश के कर्मचारियों से इंतजार बर्दाश्त नहीं हो रहा है। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि मध्य प्रदेश शासन को भी पहल करके आदेश जारी करना चाहिए। वहीं, विशेषज्ञों ने नवभारत टाइम्स डॉट कॉम से बताया कि मध्य प्रदेश में कर्मचारियों को डीए देने में एक तकनीकी अड़चन आ रही है। मध्य प्रदेश के कर्मचारियों और पेंशनरों को यह तभी मिल सकता है जब छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों और पेंशनरों को मिलना शुरू हो जाए। आक्रोशित कर्मचारियों का कहना है कि राजस्थान सहित अन्य राज्यों ने डीए के आदेश जारी कर दिए हैं। आपको बता दें कि मध्य प्रदेश शासन ने भी अपने कर्मचारियों को 4 प्रतिशत डीए और डीआर देने के लिए एक प्रस्ताव चुनाव आयोग को भेजा था। लेकिन आयोग ने उस पर निर्णय नहीं लिया है। वहीं कर्मचारी संगठन तर्क दे रहे हैं कि चुनाव के कारण महंगाई भत्ता नहीं रोका जा सकता है। कर्मचारी कहते हैं कि वर्ष 2013 में हुए विधानसभा चुनाव से 25 दिन पहले महंगाई भत्ते के आदेश जारी हुए थे। कर्मचारी कहते हैं कि इस बार भी शासन चुनाव आयोग से अनुमति लेकर 4% महंगाई भत्ता देने के आदेश जारी कर सकता है।