गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नाले के गंदे पानी को प्राकृतिक विधि से साफ करने को बड़ा कदम बताया है। तकियाघाट पर चार नालों के गंदे पानी को राप्ती नदी में जाने से पहले शोधित कर साफ करने की प्राकृतिक विधि (फाइटोरेमेडिएशन) का शुभारंभ करते हुए कहा कि, जलशोधन की प्राकृतिक विधि से न सिर्फ नदियां साफ होंगी वरन करोड़ों रुपये भी बचेंगे।
इस विधि से हर नाले के गंदे पानी को साफ किया जा सकता है। अधिकारियों ने नालों के गंदे पानी को साफ करने के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) की स्थापना की बात कही थी। बताया था कि इस पर 110 करोड़ रुपये खर्च होंगे तो मैंने प्राकृतिक विधि से नाला की सफाई की व्यवस्था को कहा।
इस विधि में सिर्फ दो करोड़ 70 लाख रुपये खर्च हुए हैं और आठ नालों का गंदा पानी अलग-अलग बोल्डर पीचिंग से गुजरते हुए राप्ती नदी में जाने से पहले साफ हो जा रहा है। इस व्यवस्था से हर वर्ष करोड़ों रुपये के बिजली खर्च और अनुरक्षण के नाम पर होने वाले खर्च से भी मुक्ति मिलेगी।