Madhya Pradesh Election 2023 : 8 सीटों पर अपनों से ही खतरा, कांग्रेस का बढ़ा संकट
भोपाल। गुरुवार यानी 2 नवंबर को मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन वापसी का आखिरी दिन था। भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस से कई बागियों ने चुनाव मैदान में दमखम दिखाने के लिए नामांकन भरा था। कई नेताओं को पार्टियों ने मना लिया, लेकिन कई मानने को राजी नहीं हुए। इस बीच, कांग्रेस की 8 विधानसभा सीट ऐसी हैं जो अब खतरे में पड़ गई हैं, क्योंकि यहां से बागी हुए प्रत्याशियों ने अपना नामांकन वापस नहीं लिया है। अब पार्टी से बागी हुए ये नेता निर्दलीय मैदान पर उतर गए हैं। इन सब में सबसे रोचक सीट भोपाल जिले की भोपाल उत्तर सीट है। जहां से कांग्रेस के मजबूत नेता नासिर इस्लाम और आमिर अकील निर्दलीय तौर पर चुनाव मैदान में उतरे हैं। दिलचस्प बात यह है कि नासिर इस्लाम कांग्रेस की दिग्गज नेता माने जाते हैं। वहीं, अमीर अकील कांग्रेस प्रत्याशी आतिफ आतिफ अकील के चाचा और वर्तमान विधायक आरिफ अकील के सगे भाई हैं। अब यहां से दोनों ही नेता निर्दलीय तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं। निश्चित तौर पर यह कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी है। आपको बता दें कि भोपाल उत्तर विधानसभा सीट से कांग्रेस ने आतिफ को टिकट दिया है जो कि वर्तमान विधायक आरिफ अकील के मंझले बेटे हैं। इसके अलावा मध्य प्रदेश की अन्य आठ प्रमुख विधानसभा सीट हैं, जहां से अब भी बागी मैदान में है और वह दमखम के साथ चुनाव लड़ेंगे। महू विधानसभा सीट से अंतर सिंह दरबार, आलोट सीट से प्रेमचंद गुड्डू, खरगापुर से अजय यादव, सिवनी मालवा से ओपी रघुवंशी, गोरेगांव से शेखर चौधरी, बरगी से जयकांत सिंह और बड़ नगर से राजेंद्र सिंह सोलंकी प्रमुख हैं।
भाजपा के लिए खतरे में बुरहानपुर
उधर, भाजपा के लिए अब बुरहानपुर सीट खतरे में दिखाई दे रही है। यहां से भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस को प्रत्याशी बनाया है, जिसका विरोध हर्षवर्धन चौहान कर रहे हैं। दरअसल, हर्षवर्धन चौहान मध्य प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष स्वर्गीय नंदकुमार सिंह चौहान के बेटे हैं। और वह यहां से भाजपा से दावेदारी जाता रहे थे, लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने टिकट न देकर उन्हें निराश कर दिया। अब वे निर्दलीय तौर पर मैदान में है। उन्होंने इससे पहले शुक्रवार को पार्टी से इस्तीफा भी दे दिया।